जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वर्ष 2024-25 की बजट घोषणाओं को आगामी बजट से पूर्व धरातल पर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण पूर्ण जवाबदेही के साथ विकास कार्यों को पारदर्शिता से पूरा करते हुए प्रदेश को विकसित राजस्थान के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ाएं।
शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर वर्ष 2024-25 की चिन्हित बजट घोषणाओं पर आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बिजली-पानी उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इसी क्रम में ब्राह्मणी नदी बांध परियोजना से दक्षिणी से पश्चिमी राजस्थान तक के क्षेत्रों को पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने जल संसाधन विभाग को योजना पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। शर्मा ने आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल सुविधा के बेहतर प्रबंधन के लिए जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को समर कंटीजेंसी प्लान पर कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल पानी की व्यवस्था का माध्यम है, वहां आंकलन कर अतिरिक्त ट्यूबवैल और हैंडपम्प लगाए जाएं। उन्होंने भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए कर्मभूमि से मातृभूमि कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश भी दिए।शर्मा ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को औद्योगिक क्षेत्रों का सघन सर्वेक्षण कराते हुए उन क्षेत्रों के मालिकों को नोटिस देने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने निर्धारित समयावधि में कार्य प्रारम्भ नहीं किया है। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों की पुन: नीलामी के लिए भी निर्देशित किया। साथ ही, उन्होंने राजस्थान आवासन मण्डल के अधिकारियों को आवासीय संपत्तियों के निस्तारण के लिए भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने ब्यावर, कोटा, जालौर, राजसमंद, सिकन्दरा में स्टोन मंडियों की स्थापना एवं स्टोन क्लस्टर्स के उन्नयन के कार्यों की समीक्षा करते हुए उद्योग विभाग को व्यापारियों के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने आई.टी.आई. संस्थानों के नियमित निरीक्षण के लिए भी निर्देशित किया।शर्मा ने सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए यातायात नियमों के संबंध में जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने परिवहन विभाग को ओवर स्पीडिंग वाहनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शर्मा ने कहा कि यात्री वाहनों की स्पीड सीमा को इंगित करती हुई एक दिशा-निर्देशिका बनाई जाए, जिसकी पालना पूर्ण रूप से सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने प्रदेशभर में छोटे एवं बड़े बस स्टैण्ड के लिए एकरूप मॉडल बनाने के निर्देश भी दिए।