दुष्कर्म के आरोपों में जेल काट रहे आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बार फिर राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आसाराम की अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ाकर 12 अगस्त 2025 तक कर दिया है। यह फैसला आसाराम की खराब सेहत और इलाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें 7 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी थी, जिसे बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने 9 जुलाई तक बढ़ाया था। अब इसे एक बार फिर आगे बढ़ाया गया है।

बता दें, 86 वर्षीय आसाराम 2013 के गांधीनगर और जोधपुर दुष्कर्म मामलों में दोषी ठहराए गए हैं और आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्होंने अपनी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए 6 महीने की स्थायी जमानत की मांग की थी। हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट ने केवल तीन महीने की अंतरिम जमानत मंजूर की थी।

इसके बाद आसाराम ने जोधपुर दुष्कर्म मामले में जमानत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दोनों अदालतों से मंजूरी मिलने के बाद ही वे इलाज के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रवाना हो सके थे।

आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति

जोधपुर एम्स की एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, जो 'हाई रिस्क' श्रेणी में आता है। इसके अलावा, उनकी स्थिति को देखते हुए विशेष नर्सिंग देखभाल, नियमित मॉनिटरिंग और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट व नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श की आवश्यकता है।

आसाराम के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी स्थिति बेहद नाजुक है। कई विशेषज्ञों की मेडिकल जांच और रिपोर्ट्स में उनकी सेहत को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई हैं। वकील ने जोर देकर कहा कि आसाराम का स्वास्थ्य बिल्कुल भी ठीक नहीं है और उन्हें तत्काल विशेष चिकित्सा देखभाल की जरूरत है।

2013 में दुष्कर्म के दोषी ठहराए गए

आसाराम को 2013 में गुजरात के गांधीनगर और राजस्थान के जोधपुर में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में दोषी ठहराया गया था। इन मामलों में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उनकी गिरफ्तारी और सजा के बाद से ही उनके स्वास्थ्य को लेकर समय-समय पर याचिकाएं दायर की जाती रही हैं। इस बार जमानत अवधि बढ़ाने का फैसला उनकी चिकित्सा स्थिति और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर लिया गया है।