कम अंक मिलने पर 12वीं की छात्रा ने की आत्महत्या
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने फरवरी-मार्च 2024 में आयोजित 12वीं परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित किया. कई विद्यार्थी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं जबकि कुछ को निराशा हाथ लगी है। लेकिन मुंबई से सटे भायंदर पूर्व के एक 12वीं की छात्रा ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। इस घटना से इलाके में सनसनी मच गई है. जानकारी के अनुसार भायंदर की एक छात्रा ने परीक्षा में 90 फीसदी अंक नहीं आने पर आत्महत्या कर ली. इस घटना से उनके परिवार को बड़ा झटका लगा है. मृतक छात्रा ने 12वीं की परीक्षा में 78 फीसदी अंक हासिल किए थे. लेकिन वह 90 प्रतिशत चाहती थी। इसी के चलते मंगलवार दोपहर उसने रसोई में नायलॉन की रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 17 साल की वह लड़की मुंबई के मलाड के एक प्राइवेट कॉलेज में कॉमर्स की पढ़ाई कर रही थी। मंगलवार को जब 12वीं का रिजल्ट घोषित हुआ तो छात्रा थोड़ा निराश हो गई। नतीजों के बाद से वह शांत थी. परिवार की जानकारी के बिना वह रसोई में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया। इसके तुरंत बाद, एक व्यक्ति ने उसे रसोई में लटका हुआ पाया। इसके बाद उन्होंने चिल्लाकर इलाके के नागरिकों को इकट्ठा किया. तब घटना का खुलासा हुआ और बिल्डिंग में रहने वालों को घटना की जानकारी हुई. छात्रा का पैतृक गांव उत्तराखंड है, उसके पिता महाराष्ट्र में ड्राइवर की नौकरी करते हैं और मां गृहिणी हैं। छात्रा कुल तीन भाई-बहन है। उसकी बड़ी बहन इंजीनियर है और नौकरी करती है. दो छोटा भाई पढ़ाई कर रहा हैं। वह पिछले 8 साल से भायंदर में रह रही थी। पारिवारिक जानकारी के मुताबिक, उसे 12वीं में 90 प्रतिशत अंक मिलने की उम्मीद थी। लेकिन उसे 78 फीसदी अंक मिले तो वह निराश हो गयी. परीक्षा परिणाम के बाद भी वह थोड़ी शांत थी. इस बात की चर्चा उनके परिवार वालों ने भी की थी. तब उन्होंने उसे समझाया था और यह भी समझाया था कि वह चिंता न करे।
परीक्षा के दौरान अक्सर छात्रों को डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में माता-पिता को बच्चों की मानसिकता को समझना जरूरी है। किसी भी परीक्षा के लिए बच्चों का अच्छा मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी है। परीक्षा और परिणाम के दौरान माता-पिता को छात्रों का समर्थन करने की आवश्यकता है। माता-पिता को अपने बच्चों से खुलकर बात करने की जरूरत है। अगर बच्चों को सही समय पर काउंसलिंग दी जाए तो वे असफलता से निराश नहीं होंगे।