इस्तीफों की लगी झड़ी
पितृपक्ष में भाजपा की सूची जारी होने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने तंज कसा था और अपनी सूची नवरात्र में जारी होने की बात कही थी। नवरात्र के पहले दिन कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों पर 144 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, लेकिन नवरात्र का शुभ मुहूर्त भी पार्टी के काम नहीं आ रहा है। कुछ ही घंटों में ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस नेताओं के इस्तीफे का जो दौर शुरू हुआ, वो अब प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों तक पहुंच रहा है।
इस्तीफों की लगी झड़ी
असल में, दतिया, ग्वालियर, खरगापुर, नागौद, छतरपुर, उज्जैन, पन्ना में कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह इस्तीफा दे बसपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने का एलान किया है। सुवासरा विधानसभा से राकेश पाटीदार को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में बालु सिंह तरनोद ने कांग्रेस छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं, दतिया में भाजपा से आए अवधेश नायक को प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया। उज्जैन उत्तर से माया त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध विवेक यादव ने किया है। टीकमगढ़ में खरगापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पिछली बार हारी प्रत्याशी पूर्व विधायक चंदा सिंह गौर को टिकट दिया है, इससे नाराज होकर मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को इस्तीफा भेज दिया है। टीकमगढ़ जिले में 70 फीसदी से ज्यादा मतदाता पिछड़े वर्ग से हैं, लेकिन 3 सामान्य क्षेत्रों में एक ही वर्ग के व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया गया। जिनकी आबादी केवल दो फीसदी है।
दतिया में पूर्व विधायक राजेंद्र भारती का टिकट कट जाने से नाराज कांग्रेस कार्यर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी अवधेश नायक का पुतला फूंका और मुर्दाबाद के नारे लगाए।
परिवार पहले, पार्टी और कार्यकर्ता बाद में
प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भले ही उपेक्षा हुई हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे और भाई को टिकट जरूर दिलाया है। इससे भी जनता में रोष है और कांग्रेस के कई नेता आज भी कांग्रेस में परिवारवाद के ही चलने की बात कह रहे हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघोगढ़ और भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा से प्रत्याशी बनाया गया है।
कांग्रेस द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची में नेता पुत्र और रिश्तेदारों को भी स्थान मिला है। पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार, प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय शाह के पुत्र अभिजीत शाह, नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह के भांजे राहुल भदौरिया, पूर्व मंत्री केएल अग्रवाल के पुत्र ऋषि अग्रवाल, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री रीना बौरासी सहित अन्य को प्रत्याशी बनाया गया है । पूर्व मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव को कसरावद से टिकट दिया गया है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल को चुरहट और सत्यदेव कटारे के बेटे हेमंत कटारे को अटेर से टिकट दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधायक कांतिलाल भूरिया की जगह झाबुआ से उनके बेटे विक्रांत भूरिया को टिकट दिया गया है।