बीकानेर में 13 जनवरी से शुरू होगा 'कैमल फेस्टिवल'..
बीकानेर | बीकानेर में आयोजित कैमल फेस्टिवल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान है। इस फेस्टिवल में प्रदेश के राज्य पशु ऊंट के विभिन्न अंदाज देखने को मिलते हैं। बीकानेर में इस साल 13 से 15 जनवरी तक कैमल महोत्सव के उत्साह से रेगिस्तान के जहाज का जश्न मनाया जाएगा। रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट के लिए पर्यटन विभाग राजस्थान सरकार की ओर से बीकानेर में हर साल ऊंट महोत्सव मनाता है। बीकानेर कैमल फेस्टिवल की मेजबानी राजस्थान सरकार करती है।बीकानेर ऊंट महोत्सव बहुत ही आकर्षक होता है।
इस उत्सव में ऊंटों की दौड़, ऊंटनी दुहना, ऊंटों के बालों की आकर्षक कटाई, ऊंट और ऊंटनी नृत्य जैसे कई अन्य आयोजन कराए जाएंगे। इस महोत्सव को देखने स्थानीय लोग और पर्यटक यहां पहुंचते हैं। इस महोत्सव का एक उद्देश्य ये भी है कि इससे ऊंट प्रजनन को बढ़ावा मिलता है। बीकानेर में ही सेना के लिए ऊंटों को तैयार किया जाता है। यहां सेना के लिए तैयार किए जाने वाले ऊंटों को आम भाषा में 'गंगा रिसला' कहकर पुकारा जाता है।बीकानेर के इस कैमल महोत्सव में ऊंटों को पारंपारिक तौर पर सजाया और तैयार किया जाता है।
ऊंटों को हार, पायल और चमकीले रंग की लगामों से सजाया जाता है। महोत्सव की शुरुआत ऊंटों की रैली के साथ होती है। इसमें खूबसूरत ऊंटों की परेड जूनागढ़ किले से शुरू होती है और डॉक्टर करण सिंह स्टेडियम पर समाप्त होती है। उत्सव में ऊंट दौड़, ऊंटों को सजाने और संवारने की प्रतियोगिताएं, ऊंटों की कलाबाजी के साथ ऊंट के दूध से बने उत्पाद सैलानियों के लिए कौतूहल का विषय रहते हैं। महोत्सव में ऊंटों के कई तरह करतब देखने को मिलते हैं, जो लोगों का मुख्य आकर्षण होते हैं।
कैमल फेस्टिवल में पर्यटक को और स्थानीय लोगों के लिए कई तरह की प्रतियोगिताएं भी की जाती हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए रस्साकशी और महिलाओं के लिए वाटर पोर्ट रेस भी शामिल है। इस महोत्सव में पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता, ग्रामीण कुश्ती, कबड्डी, सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां आने वाले लोगों के लिए मुख्य आकर्षण रखते हैं। इस उत्सव के दौरान राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य की प्रस्तुतियों के बीच राजस्थानी खान-पान की स्टॉल सैलानियों को अपनी ओर खींचती हैं।