महाराष्ट्र में एमएलसी इलेक्शन में भाजपा को ताकत बरकरार रखने की चुनौती
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. आने वाले कुछ महीनों में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अपनी ताकत बरकरार रखना चाहेगी. महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव दो दिनों में होने वाले हैं. राज्य की 11 सीटों पर 12 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. महाराष्ट्र में एमएलए की स्ट्रेंथ के बारे में बात करें तो 23 वोट जिस भी कैंडिडेट को मिलेंगे वह एमएलसी बन जाएगा. ऐसे में हर पार्टी कोशिश कर रही है कि 23 का कोटा पूरा किया जा सके. महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव दो दिनों में होने वाले हैं. राज्य की 11 सीटों पर 12 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है. महाराष्ट्र में एमएलए की स्ट्रेंथ के बारे में बात करें तो 23 वोट जिस भी कैंडिडेट को मिलेंगे वह एमएलसी बन जाएगा. ऐसे में हर पार्टी कोशिश कर रही है कि 23 का कोटा पूरा किया जा सके. महाराष्ट्र असेंबली में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं. एनसीपी (अजित पवार) के पास 40 विधायक हैं. शिवसेना (एकनाथ शिदें) के पास 38 विधायक हैं. वहीं 10 से ज्यादा विधायकों का महायुति यानि की शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी को समर्थन है. महाराष्ट्र असेंबली में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं. एनसीपी (अजित पवार) के पास 40 विधायक हैं. शिवसेना (एकनाथ शिदें) के पास 38 विधायक हैं. वहीं 10 से ज्यादा विधायकों का महायुति यानि की शिवसेना, एनसीपी और बीजेपी को समर्थन है. महायुति को 11 में से 10 सीटों को जीत कर लाना आसान है, लेकिन क्रॉस वोटिंग होती है तो एमबीए के तीन कैंडिडेट जीत सकते हैं. एमवीए की स्ट्रेंथ के बारे में बात करें तो शरद पवार के पास है 12 विधायक हैं. उद्धव ठाकरे के पास 16 और कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं. महायुति को 11 में से 10 सीटों को जीत कर लाना आसान है, लेकिन क्रॉस वोटिंग होती है तो एमबीए के तीन कैंडिडेट जीत सकते हैं. एमवीए की स्ट्रेंथ के बारे में बात करें तो शरद पवार के पास है 12 विधायक हैं. उद्धव ठाकरे के पास 16 और कांग्रेस के पास 38 विधायक हैं. इन 12 उम्मीदवारों में से बीजेपी के पांच उम्मीदवार तो सुरक्षित नजर आ रहे हैं, जो हैं पंकजा मुंडे, परिणय फुके, सदाभाऊ खोत, अमित गोरखे, योगेश टिलेकर. वहीं एमवीए के कांग्रेस का 1 उम्मीदवार और शिवसेना (यूबीटी) का 1, मिलिंद नार्वेकर और प्रज्ञा सातव आसानी से जीत सकते हैं. वहीं अगर जयंत पाटिल को जिताना है तो उसके लिए वोट मैनेजमेंट करना होगा. इन 12 उम्मीदवारों में से बीजेपी के पांच उम्मीदवार तो सुरक्षित नजर आ रहे हैं, जो हैं पंकजा मुंडे, परिणय फुके, सदाभाऊ खोत, अमित गोरखे, योगेश टिलेकर. वहीं एमवीए के कांग्रेस का 1 उम्मीदवार और शिवसेना (यूबीटी) का 1, मिलिंद नार्वेकर और प्रज्ञा सातव आसानी से जीत सकते हैं. वहीं अगर जयंत पाटिल को जिताना है तो उसके लिए वोट मैनेजमेंट करना होगा. वोटों का मैनेजमेंट क्या होता है. 2 साल पहले भी महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव हुए थे. जिसमें क्रॉस वोटिंग हुई थी और बीजेपी के कई कैंडिडेट जीते थे और उसी रात को एकनाथ शिंदे नॉट रीचेबल होकर सूरत चले गए थे. उसके बाद महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हो गया था. इन विधान परिषद चुनाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो खतरे की घंटी सरकार के लिए है. हालांकि, एक से दो महीने में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने ही वाले हैं. वोटों का मैनेजमेंट क्या होता है. 2 साल पहले भी महाराष्ट्र में विधान परिषद के चुनाव हुए थे. जिसमें क्रॉस वोटिंग हुई थी और बीजेपी के कई कैंडिडेट जीते थे और उसी रात को एकनाथ शिंदे नॉट रीचेबल होकर सूरत चले गए थे. उसके बाद महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हो गया था. इन विधान परिषद चुनाव को हल्के में नहीं लिया जा सकता अगर क्रॉस वोटिंग होती है तो खतरे की घंटी सरकार के लिए है. हालांकि, एक से दो महीने में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने ही वाले हैं. महायुति के एमएलए को सीधे-सीधे वोट मिल जाते हैं तो वह पूरी 9 सीटें निकल सकते हैं. यदि महा विकास आघाड़ी के जयंत पाटिल जीत जाते हैं या तीन कैंडिडेट जीते जाते हैं तो इसका मतलब है कि क्रॉस वोटिंग हुई है. तो क्रॉस वोटिंग का सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहे है एनसीपी (अजित पवार) के विधायक की ओर से और जब से लोकसभा चुनाव हुए हैं तब से यह कहा जा रहा है कि अजित पवार के विधायक शरद पवार के संपर्क में है. महायुति के एमएलए को सीधे-सीधे वोट मिल जाते हैं तो वह पूरी 9 सीटें निकल सकते हैं. यदि महा विकास आघाड़ी के जयंत पाटिल जीत जाते हैं या तीन कैंडिडेट जीते जाते हैं तो इसका मतलब है कि क्रॉस वोटिंग हुई है. तो क्रॉस वोटिंग का सबसे बड़ा खतरा बताया जा रहे है एनसीपी (अजित पवार) के विधायक की ओर से और जब से लोकसभा चुनाव हुए हैं तब से यह कहा जा रहा है कि अजित पवार के विधायक शरद पवार के संपर्क में है. कहा जा रहा है कि शरद पवार सबको कॉल करके अपनी ओर करना चाहते हैं. अगर ऐसा होता है तो जयंत पाटिल विधान परिषद का चुनाव जीत जाएंगे और ऐसा होता है तो विधानसभा चुनाव में महायुती के कई विधायक पार्टी छोड़कर महा विकास आघाड़ी या फिर इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़ सकते हैं. कहा जा रहा है कि शरद पवार सबको कॉल करके अपनी ओर करना चाहते हैं. अगर ऐसा होता है तो जयंत पाटिल विधान परिषद का चुनाव जीत जाएंगे और ऐसा होता है तो विधानसभा चुनाव में महायुती के कई विधायक पार्टी छोड़कर महा विकास आघाड़ी या फिर इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़ सकते हैं.