राजस्थान के माइनिंग सेक्टर का नवाचार-नई तकनीक और प्रावधानों से होंगे रुबरु

जयपुर । देश व प्रदेश के मिनरल एक्सप्लोरेशन विशेषज्ञ और वाल्यूमेट्रिक आकलन में ड्रोन सर्वें तकनीक विशेषज्ञ 16 जनवरी को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में जुटेंगे। प्रमुख शासन सचिव माइंस, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला व सकारात्मक प्रयास होगा जिसका सीधा लाभ प्रदेश के माइनिंग सेक्टर के साथ ही इस सेक्टर से जुड़े स्टेक होल्डर्स को भी मिलेगा। 
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में केन्द्र व राज्य के सरकारी, सरकारी उपक्रमों के साथ ही निजी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। टी. रविकान्त ने बताया कि कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से राजस्थान के माइनिंग परिदृश्य और वोल्यूमेट्रिक असेसमेंट से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिए जाने के साथ ही खुली चर्चा होगी। पहले एक्सप्लोरेशन पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिये जाएंगे वहीं लंच बाद के सेशन में ड्रोन सर्वें से संबंधित प्रस्तुतिकरण व अनुभवों को साझा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वोल्यूमेट्रिक ड्रोन सेशन के नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक माइंस बीएस सोढ़ा को बनाया गया है और एक्सप्लोरेशन सेशन के लिए अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान श्री आलोक प्रकाश जैन को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 16 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि केन्द्र सरकार के माइंस मंत्रालय के निदेशक द्वारा जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के श्री संजय सिंह द्वारा क्रिटिकल व स्ट्रेटेजिक मिनरल सिनेरियों ऑफ राजस्थान, जीएसआई के उत्तम कुमार प्रधान द्वारा पश्चिमी राजस्थान में पोटाश के भण्डार, हैदराबाद और बैंगलोर के विशेषज्ञों द्वारा मिनरल एक्सप्लोरेशन रणनीति पर मंथन होगा।