प्रयागराज में हिंसा के बाद 1000 दंगाइयों के खिलाफ FIR दर्ज
जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव के बाद से अटाला का पुराने शहर का इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। अटाला और आसपास के इलाके में दुकानें भी बंद हैं। पुलिस ने प्रभावित इलाके की तरफ से रूट भी डायवर्ट कर दिया है। इलाके में अब भी धारा 144 लागू है। प्रयागराज के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के मुताबिक स्थिति सामान्य बनी हुई है। हमने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है और एहतियात के तौर पर धारा 144 जारी है।
शनिवार शाम से अब तक हिंसा में शामिल लगभग 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलाना घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल बाकी लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है ताकि और गिरफ्तारियां हो सकें। पुलिस ने 1000 लोगों के खिलाफ दंगा, आगजनी, धारा 144 का उल्लंघन करने, सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
इस मामले में दो एफआईआर खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन और एक एफआईआर करेली में दर्ज की गई है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है और उनसे पूछताछ के आधार पर उनके साथियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। शनिवार की हिंसा की घटना में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) सहित बाकी धाराओं में केस चलाया जाएगा। इस बीच अटाला इलाके में रात भर ऑपरेशन की सफाई जारी रही जहां शनिवार को हिंसक भीड़ द्वारा भारी ईंट-पत्थरबाजी और आगजनी की गई थी। प्रयागराज नगर निगम की मदद से क्षेत्र से 25 ट्रक पत्थर और ईंट और दूसरा कचरा उठाया गया। इलाके को साफ करने के लिए अधिकारियों को जेसीबी मशीन और 50 सफाई कर्मचारियों की टीम लगानी पड़ी।
जब पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पथराव किया। इस घटना में पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज रेंज) राकेश कुमार सिंह सहित एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए। इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित रैपिड एक्शन फोर्स के दो जवानों को गंभीर चोटें आईं हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।