ज्ञानवापी मामले में आज फिर होगी सुनवाई
लखनऊ, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की बेंच के समक्ष यूपी सरकार और अन्य पक्षकारों को नोटिस का जवाब दाखिल करना है।
इसके अतिरिक्त, वाराणसी कोर्ट में भी गुरुवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। एक याचिका में कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में मिले शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति मांगी गई है। एक अन्य याचिका में ज्ञानवापी परिसर में तहखाने की दीवारों को गिराने और मलबा हटाने की मांग की है।
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। कोर्ट ने जिला प्रशासन को आदेश देते हुए कहा था कि शिवलिंग वाले स्थान को पूरी सुरक्षा दी जाए। वहीं, मंगलवार को वाराणसी कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन की मोहलत मांगी थी। ये समय अब पूरा हो चुका है। आज एडवोकेट कमिश्नर जज के सामने सर्वे रिपोर्ट पेश करेंगे।
ज्ञानवापी मस्जिद के सील किए गए क्षेत्र में नमाजियों को वुजू करने के लिए पानी की आपूर्ति करने वाली पाइप लाइन को शिफ्ट कराने के लिए एक याचिका मंगलवार को लगी थी। ये याचिका डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसिल के वकील महेंद्र प्रसाद पांडे ने दायर की थी। इस याचिका पर ही कोर्ट ने अंदर परिसर को सील करने के आदेश दिए थे। जहां दावा किया गया था कि सर्वे के अंतिम दिन वहां एक शिवलिंग पाया गया था। कोर्ट ने आवदेन स्वीकार किया। इसी पर आज सुनवाई होनी है।
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष इससे इंकार कर रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए वाराणसी कोर्ट ने सर्वे का ऑर्डर दिया था। सर्वे के पहले दिन, यानी 14 मई को 4 तहखानों को खोला गया था। तहखानों की साफ-सफाई कराई। इसके बाद टीम ने उसकी वीडियोग्राफी करवाई। दीवारों की नक्काशी चेक की।
15 मई को ज्ञानवापी परिसर के ऊपरी बने हुए कमरों, गुंबद, छत और दीवारों की वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसके अलावा, दरवाजों की नक्काशी की भी हाई लेंस वाले कैमरे से पिक्चर ली गई थी। उस दिन 4 घंटे सर्वे हुआ था।
सर्वे के आखिरी दिन 16 मई को वीडियोग्राफी प्रक्रिया पूरी हुई थी। याचिकाकर्ता रेखा सहित 5 महिलाओं के वकील विष्णु जैन ने वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया। इसके बाद उस जगह को सील कर दिया गया। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हिंदू पक्ष के दावे का खंडन करते हुए उसे फव्वारा बताया है।