क्या नाबालिग को बचाने के लिए ड्राइवर की चढ़ाई जा रही बलि?
पुणे । पुणे कार हादसा का मामाला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। दरअसल इस हादसे में एक नाबालिग ने अपनी तेज रफ्तार पोर्श कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हत्या कर दी। नाबालिग एक मशहूर बिल्डर का बेटा है। बताया जा रहा है जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय नाबालिग नशे में धुत था। अब इस मामले पर पुणे के सीपी अमितेश कुमार ने अपना बयान दर्ज किया है।
कार हादसे में आया नया मोड़
मालूम हो कि, आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने दावा किया था हादसे के वक्त गाड़ी उनका बेटा नहीं बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था। वहीं जब ड्राइवर से पूछताछ की गई तो उन्होंने भी कहा कि वो खुद गाड़ी चला रहे थे। अब इस मामले पर पुलिस ने कहा है, इस बात की भी जांच की जा रही है कि ड्राइवर ने किसके दबाव में यह बयान दिया।
पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस हादसे के सिलसिले में आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से पूछताछ कर रही है। साथ ही पुलिस घटना के दौरान लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालने की कोशिश में लगी है। पुणे सीपी अमितेश कुमार का कहना है,"घटना के बाद प्राथमिक तौर पर 304 का मामला दर्ज किया गया था। बाद में धारा 304 को जोड़ दिया गया। सीपी ने आगे कहा, ''हमने उसी दिन नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया और उनसे इसे जघन्य अपराध मानने और आरोपी के साथ एक बालिग जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया।"
नाबालिग के माता पिता के खिलाफ केस दर्ज
सीपी ने कहा, बालिग मानने का आदेश पारित होने तक हम आरोपी को रिमांड ऑब्जर्वेशन होम में रखना चाहते थे... लेकिन हमारे दोनों आवेदन उसी दिन खारिज कर दिए गए थे। " सीपी ने आगे बताया, ''जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के मुताबिक, हमने नाबालिग के माता-पिता और पब मालिक के खिलाफ केस रजिस्टर्ड किया है।''