एनबीआरआई में खिली उत्तर भारत में सबसे बड़ी वॉटर लिली
लखनऊ| लखनऊ स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के वैज्ञानिकों के धैर्य और कड़ी मेहनत से यहां फूलों की प्रजातियों में सबसे बड़ी जल लिली खिल गई है। सबसे बड़ी जल लिली को जाइंट विक्टोरिया अमेजोनिका के नाम से जाना जाता है। यह फूलों के पौधे की एक प्रजाति है, जो जल लिली परिवार में सबसे बड़ी है। इस अनोखे फूल को देखने के लिए एनबीआरआई के अधिकारियों ने बगीचे को जनता के लिए खोल दिया है। इस साल मई में रोपे गए इस पौधे के बीज को वरिष्ठ वैज्ञानिक के.जे. सिंह ने महाराष्ट्र के बदलापुर से मंगवाया था।
उन्होंने कहा, यह उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला फूल है और वर्तमान में केवल हावड़ा में एजेसी बोस इंडियन बॉटनिकल गार्डन और दक्षिण भारत के कुछ बगीचों में ही है। यह फूल केवल 48 घंटे तक खिला रहेगा।
वैज्ञानिक केजे सिंह ने कहा कि इस समय में जब यह खिलता है तो सफेद से गुलाबी हो जाता है और इसमें से मीठे अननास की तरह बहुत तेज सुगंध निकलती है। पानी में तैरते इसके गोल पत्ते 3 मीटर व्यास के होते हैं। इन पत्तों में एक छोटे बच्चे के वजन को सहने की क्षमता होती है।
सिंह ने कहा, इसे खिलने से पहले 50 से अधिक बार असफल प्रयास किए गए थे। इस बार इसे नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों को खत्म करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए थे।