सांसद मीणा ने पेपर लीक मामले का मीडिया में किया खुलासा
जयपुर । राजस्थान में सैकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में किरोड़ीलाल मीणा ने एक बार फिर से प्रेस कांफ्रेंस कर कई खुलासे किए है. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अगर एसओजी सही से जांच करती या उस मामले में सीबीआई जांच होती तो द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक नहीं होता। मीणा ने कहा कि पुलिस भर्ती में मैनें कई खुलासे किए लेकिन एसओजी ने कोई कार्रवाई नहीं की. उस परीक्षा को आयोजित करने वाली एजेंसी टीसीएस के राजस्थान हेड भुवनेश भार्गव के खिलाफ मैनें कई सबूत दिए थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. भार्गव से गंभीरता से पूछताछ होती तो सुरेश ढ़ाका का नाम तभी सामने आ जाता।
किरोड़ीलाल मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि उस मामले में एसओजी के अधिकारी सीआई मोहन पोसवाल ने सुरेश ढ़ाका और उसकी टीम से 50 लाख रुपए लिए सुरेश ढ़ाका का नाम विकास अधिकारी भर्ती में भी आया था. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में लीक हुआ पेपर सबसे पहले मोहन पोसवाल को मिला. मोहन पोसवाल को ये पेपर इस गिरोह के सरगना ऊदाराम ने दिया था. लेकिन ऊदाराम के पास ये पेपर कहां से आया था. इस बारे में एसओजी ने आज तक कोई सवाल नहीं किया. मीणा ने कहा कि मैं एसओजी के चीफ को ये बताना चाहता हूं कि आपके ये अधिकारी माफियाओं से मिले हुए है। किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उदयपुर पुलिस ने भी ये माना कि ये गाडिय़ां तीन बार आई और गई है. तो फिर जाहिर से बात है तीन बार पेपर लीक हुआ है. ऐसे में पेपर रद्द सिर्फ एक ही क्यों हुआ मीणा ने मीडिया को कहा कि बुधनारायण प्रजापत जो चौथ का बरवाड़ा निवासी है. जो 21 दिसंबर को जयपुर में पेपर पढ़वा रहा था. ये सबूत है कि 21 दिसंबर का भी पेपर लीक हुआ है. इसके अलावा 22 दिसंबर के पेपर लीक से जुड़ा एक ऑडियो भी मीडिया में सार्वजनिक करुंगा। किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि सैकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के मुख्य आरोपी सुरेश ढ़ाका के सरपंच पिता मांगीलाल ने ये कहा था कि उनके बेटे के नाम कोई संपत्ति नहीं है जबकि मांगीलाल के पिता ने खुद अपने गांव में 200 बच्चों को पेपर पढ़वाया था ऐसे में उनकी भी जांच होनी चाहिए. इसके अलावा मीणा ने दावा किया कि सुरेश ढ़ाका और भूपेंद्र सारण ने फॉरेस्ट भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक किया है. मीणा ने आरोप लगाया कि सुरेश ढ़ाका और उसके जैसी बड़ी मछलियों को बचाने का काम एसओजी के सीआई मोहन पोसवाल करते रहते है।