सचिन पायलट पर एक्शन के मुद्दे पर फिर बोले रंधावा.....
कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट को अपनी बात विधानसभा में उठानी चाहिए थी। विधानसभा से उपयुक्त प्लेटफार्म कोई नहीं है, क्योंकि उसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक बैठते हैं। मुख्यमंत्री भी मौजूद होते हैं। ऐसे में अगर सचिन पायलट विधानसभा में यह कहते कि सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी सदन में इस पर जवाब देना पड़ता। लेकिन पायलट ने विधानसभा में सवाल क्यों नहीं पूछा ?
प्रभारी रंधावा बोले- सचिन पायलट का अनशन व्यक्तिगत हो सकता है। लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं की भीड़ करने से काम नहीं चलता है। मेरा काम पार्टी में सब को साथ लेकर आगे चलना है।
हर कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर नहीं बुलाया जा सकता
पूर्व डिप्टी सीएम और मौजूदा समय में टोंक विधायक सचिन पायलट के कांग्रेस की वर्कशॉप और उससे पहले फीडबैक प्रोग्राम में नहीं आने को लेकर रंधावा ने कहा कि हर कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर नहीं भुलाया जा सकता है। लेकिन जो बड़े नेता हैं, उन सब को निमंत्रण दिया गया है।
'आलाकमान को छठी का दूध याद दिलाने' की कहने वाले मंत्री गुढ़ा कांग्रेस ऑफिस पदाधिकारी नहीं
सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा की ओर से खेतड़ी की सभा में सचिन पायलट पर कार्रवाई करके दिखाने पर कांग्रेस आलाकमान को छठी का दूध याद दिलाने के बयान पर प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस ऑफिस बीयरर (पदाधिकारी) नहीं हैं। वह सरकार में हैं और इस पर मुख्यमंत्री को भी जवाब देना चाहिए।
राजस्थान को समझना आसान काम नहीं, जल्दी कोई फैसला लेना नहीं चाहता
रंधावा ने कहा कि मुझे आए हुए 5 महीने ही हुए हैं, राजस्थान को समझना आसान काम नहीं है। मैं छोटे वर्कर से लेकर पार्टी के तमाम नेताओं से मिल रहा हूं। इतनी जल्दी कोई फैसला लेना नहीं चाहता हूं। जो भी फैसला होगा, वह पार्टी के हित में होगा। अगर संगठन से जुड़ा कोई मसला होता है, तो मैं जवाब देता हूं।
पार्टी वर्कर और काम नहीं करने वालों की मॉनिटरिंग
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मैं छोटे कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक सभी से मिल रहा हूं और मॉनिटरिंग कर रहा हूं कि कौनसे कार्यकर्ता और नेता हैं, जो पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। कौन से कार्यकर्ता और नेता ऐसे हैं, जो बिना पद और लालच के पार्टी के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले सभी की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है। जिसका रिजल्ट भी देखने को मिलेगा।