झारखंड बजट सत्र से पहले RJD की हलचल, विधायकों की बुलाई अहम बैठक
रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के एक दिन पहले रविवार को राजद विधायक दल की बैठक होगी। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता राजद विधायक दल के नेता सुरेश पासवान करेंगे।
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव, झारखंड सरकार के मंत्री संजय प्रसाद यादव, विधायक नरेश सिंह भी उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में बजट सत्र में राजद के रुख को लेकर रणनीति बनाई जायेगी।
महागठबंधन दल के साथ एकजुट होकर राजद के विधायक किस तरह जनता के मुद्दों को सदन में रखेंगे और उसके समाधान की कोशिश करेंगे, इस पर भी रणनीति बनाई जाएगी।
महागठबंधन दलों के साथ समन्वय, विपक्ष के सवालों का जवाब, वर्तमान राजनीतिक मुद्दे और क्षेत्र की जनता की समस्याओं के निदान की दिशा में पार्टी के विधायक सदन में मुखर रहेंगे, इन्हीं मुद्दों पर विधायक दल की बैठक में मंथन होगा।
इस बैठक के अगले दिन और बजट सत्र के पहले दिन 24 फरवरी को झारखंड प्रदेश राजद के सभी जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों और प्रकोष्ठ अध्यक्षों की बैठक होगी।
इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश राजद अध्यक्ष संजय कुमार सिंह यादव करेंगे। बैठक में राजद के सदस्यता अभियान की समीक्षा होगी। किस-किस जिले में सदस्यता अभियान की क्या स्थिति है, इस पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इसमें पार्टी के विधायक, मंत्री, नेता आदि भी मौजूद रहेंगे।
स्पीकर ने की सर्वदलीय बैठक, मांगे बजट सत्र को लेकर सुझाव
वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने बजट सत्र के संचालन में सभी से सहयोग की अपेक्षा जताई है। इस निमित्त उन्होंने शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में सर्वदलीय बैठक की।
बैठक के दौरान तय किया गया कि राज्य के बजट पर एक दिन की बजाय दो दिन चर्चा की जाएगी और अनुदान मांगों पर अब 11 दिनों की जगह 10 दिन बहस होगी।
इसके साथ ही 24 फरवरी से 27 मार्च तक आहूत बजट सत्र के दौरान किसी आवश्यक विषय पर विशेष चर्चा कराने की आवश्यकता पड़ने की स्थिति में कार्यमंत्रणा की बैठक में निर्णय किया जाएगा।
बैठक में स्पीकर ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों का सदन के सुचारू संचालन में सहयोग मांगा। बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बजट सत्र मजबूती से चलेगा। सभी सदस्यों से उम्मीद करते हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र और राज्य के विषयों को सदन में रखेंगे और पूरे सकारात्मक विचारों के साथ मिलकर सदन चलाएंगे।
भाजपा का आधिकारिक प्रतिनिधित्व नहीं
सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीपी को बुलाया गया था। पार्टी की तरफ से बैठक में शामिल होने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इस वजह से भाजपा का कोई विधायक बैठक में नहीं पहुंच पाया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्हें बैठक की आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं थी। अपने सरकारी आवास को लेकर स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो से मुलाकात करने पहुंचे भाजपा के विधायक देवेंद्र कुंवर सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए।
उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर भी किया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि भूलवश वह बैठक में शामिल हो गए थे। उन्हें दल की ओर से अधिकृत नहीं किया गया था।
उल्लेखनीय है कि भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष का नाम भी तय नहीं किया गया है। इससे जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस पर वह क्या बोल सकते हैं? भाजपा के नेता भी विधायी प्रक्रिया को अच्छी तरह से जानते हैं। वे विषयों को अपने तरीके से देखते और निर्णय लेते हैं।
विधायक दलों के नेता रहे मौजूद
इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव, राजद विधायक दल के नेता सुरेश पासवान, जदयू विधायक सरयू राय, एलजेपी (रामविलास) के जनार्दन पासवान की उपस्थिति रही।
जेकेएलएम के विधायक जयराम महतो देरी से पहुंचे। आजसू के विधायक निर्मल महतो बैठक में नहीं आए। भाकपा-माले के नेता भी अनुपस्थित रहे।
नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष दोनों जरूरी
विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही आवश्यक हैं। उन्होंने सदन के संचालन के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नहीं होने से सदन चलाना वैसे ही कठिन हो जाता है, जैसे दो की जगह एक पहिए से गाड़ी को चलाया जाए। उन्होंने बताया कि नेता चयन के लिए भाजपा से आग्रह किया गया है।