विस्तार के लिए नए-नए सियासी रास्ते खोजने में लगी समाजवादी पार्टी
देश में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी समाजवादी पार्टी अब अपने विस्तार के लिए नए-नए सियासी रास्ते खोजने के लिए आगे बढ़ चली हैं। इस कड़ी में सबसे पहला पड़ाव समाजवादी पार्टी का महाराष्ट्र बना है। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के सभी 37 सांसदों का शुक्रवार को स्वागत समारोह होने जा रहा है। स्वागत समारोह के बहाने समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में अपनी सियासी जमीन की मजबूती तलाशने की पूरी तैयारी में है। वहीं सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के गठबंधन वाले महाविकास अगाढ़ी के साथ मिलकर मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में होने वाले महानगरपालिका के चुनाव में भी शिरकत करने के लिए जमीनी तैयारी में लगी है। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बाद अपने विस्तार के लिए कई बड़ी योजनाएं तैयार की हैं। पार्टी के रणनीतिकारों की मानें, तो इस विस्तार में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर मजबूती के साथ अन्य राज्यों में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इसमें सबसे पहले सियासी जनाधार की मजबूती महाराष्ट्र में तैयार की जा रही है। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी यही सियासी संदेश देने के लिए शुक्रवार को अपने सभी सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक स्वागत समारोह के माध्यम से करने जा रही है। इस स्वागत समारोह के दौरान समाजवादी पार्टी न सिर्फ महाराष्ट्र में अपनी ताकत दिखाएगी, बल्कि आने वाले विधानसभा के चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारने का पूरा खाका भी खीचेंगी। इसके लिए पार्टी ने जातिगत समीकरणों के आधार पर महाराष्ट्र का पूरा सियासी रोड मैप तैयार कर लिया है। समाजवादी पार्टी ने जिस तरीके से महाराष्ट्र में चुनाव से पहले अपने सांसदों के स्वागत समारोह का आयोजन किया है, वह आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति के लिहाज से बनाया गया प्लान है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि उनकी पार्टी देश की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी है। निश्चित तौर पर पार्टी अपने विस्तार के लिए वह सभी प्रयास भी कर रही है और उसमें सफल भी होगी। चौधरी कहते हैं कि आगे की जो भी रणनीति तैयार की जा रही है, वह पार्टी के भविष्य के विजन के लिहाज से तैयार हो रही है। समाजवादी पार्टी के नेता बाबा भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के साथ छत्रपति शिवाजी को नमन कर सिद्धिविनायक मंदिर में माथा टेककर आगे की रणनीति बनाने वाले हैं। हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र में इस बार होने वाली एंट्री के साथ इंडिया गठबंधन वाले महाविकास अघाड़ी में चिंता की लकीरें जरूर पड़ने वाली हैं। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार हिमांशु शितोले कहते हैं कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी की एंट्री से यहां की सियासत में तूफान जरूर उठेगा। उसकी वजह बताते हुए हिमांशु कहते हैं, क्योंकि समाजवादी पार्टी अगर अकेले चुनाव लड़ती है, तो दलित और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे वह अपने ही गठबंधन के सहयोगी दलों में सेंधमारी कर उन्हें कमजोर करेगी। और अगर समाजवादी पार्टी महाविकास अगाड़ी के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ती है, तो गठबंधन में शामिल सियासी दलों की सीटों में हिस्सेदारी लेगी। हालांकि हिमांशु कहते हैं कि सियासी फायदा महाविकास अगाड़ी गठबंधन को भी समाजवादी पार्टी को अपने साथ रखने में हो सकता है। वह कहते हैं कि महाराष्ट्र की सियासत में बीते कुछ दिनों से चर्चा इस बात की हो रही है कि समाजवादी पार्टी इसी गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी रणनीति में बदलाव किया
वहीं, समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र में एंट्री के साथ कांग्रेस ने भी अपनी पूरी रणनीति तैयार कर ली है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी रणनीति में बदलाव करते हुए समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी की है। दरअसल यह बदलाव लोकसभा चुनाव से पहले की सियासी रणनीतियों के लिहाज से किया गया है। दरअसल लोकसभा चुनाव से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें समाजवादी पार्टी ने मध्यप्रदेश में भी गठबंधन के तहत कांग्रेस से सीटें मांगी थीं। हालांकि उस दौरान यह कहा गया था कि गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए ही हुआ है। इसलिए विधानसभा में गठबंधन के घटक दल भी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे थे। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी समाजवादी पार्टी अब जब महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, तो गठबंधन सपा को सीटें देने पर राजी हो रहा है। दरअसल इसके पीछे तर्क यही माना जा रहा है कि जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने मिलकर भाजपा की सीटों को रोका है। ठीक उसी पैटर्न पर विधानसभा के चुनाव में भी गठबंधन अलग-अलग राज्यों में एनडीए को रोक सकेगा। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार तरुण खेलकर कहते हैं कि यह वक्त समाजवादी पार्टी के लिए निश्चित तौर पर विस्तार के लिहाज से सबसे मुफीद है। क्योंकि समाजवादी पार्टी देश की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में हाल के दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर सपा उन राज्यों में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारती है, तो यह उसके लिए सियासी रूप से बहुत ही फायदे का सौदा हो सकता है। खेलकर कहते हैं कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी ने अपने सियासी मोहरे जिस तरीके से सजाए हैं, उससे पार्टी को उम्मीद नजर आ रही है। उनके मुताबिक दलित नेता इंद्रजीत सरोज को चुनाव प्रभारी बनाकर समाजवादी पार्टी ने अपने पीडीएफ फॉर्मेट को मजबूती से महाराष्ट्र की सियासत में आगे बढ़ने का सॉलिड प्लान और संदेश दिया है। खेलकर के मुताबिक महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी हैं। मुस्लिम समुदाय से होने के नाते समाजवादी पार्टी यहां की बड़ी मुस्लिम आबादी पर अपनी दावेदारी भी ठोकेगी। साथ ही दलित नेता इंद्रजीत सरोज को बड़ी जिम्मेदारी देकर दलित और मुसलमान को अपने साथ जोड़ने की बड़ी रणनीति के साथ महाराष्ट्र में अखिलेश यादव एंट्री कर रहे हैं।