जयपुर । पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि परंपरागत जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार कर अधिक से अधिक जल का संचय करें। दिलावर शिक्षा संकुल में आयोजित जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि परंपरागत जल स्त्रोतों बावड़ी, तालाब, कुंड, खड़ीन, जोहड़ आदि का पुन: सर्वे कर चिन्हित करने के कार्य को अभियान के रुप में लें। साथ ही इनमें पानी की आवक के रास्ते बनाने, नियमित साफ—सफाई करने जैसे कार्य इसी वित्तीय वर्ष में करने के निर्देश दिए।
विभाग के कार्यों के संचालन के लिए बनाई गई कमेटियों को क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए।उन्होंने डिग्गी-मालपुरा में तालाब की डीपीआर शीघ्र बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके अलावा भी बड़े गड्ढों को तालाब के रूप में परिवर्तित किया जाय ताकि जल का ज्यादा से ज्यादा संग्रहण किया जा सके। नदियों के किनारे भूमि कटाव को भी रोका जाय।उन्होंने विभाग द्वारा बनाये गए 75 अमृत सरोवर, 863 एनीकट की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए कृषि उत्पादन बढ़ाने, हॉर्टीकल्चर गतिविधियों के माध्यम से प्लांटेशन करने फलदार पौधे लगाने, घास उत्पादन बढ़ाने, ड्रिप सिस्टम लगाने एवं आमजन से सजीव सम्पर्क बनाये रखने के लिए अधिकारियों को समय-समय पर गांवों में रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिए।