बस चंद रोज बाद नहीं दिखेंगे ट्विन टावर
नोएडा । नोएडा सेक्टर-93ए में नियम ताक पर रखकर खड़े हुए ट्विन टावर सियान और एपेक्स को ध्वस्त करने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 28 अगस्त इन इमारतों को ध्वस्त करने की तैयारी है। इनके गिरने के साथ ही देश में सबसे ऊंची इमारत ढहाने का रिकॉर्ड भी बन जाएगा। देश में पहली बार किसी बिल्डर की इतनी बड़ी इमारतें को ध्वस्त किया जाएगा। सुपरटेक बिल्डर के टि्वन टावर में विस्फोटक लगाने का काम अब अंतिम चरण में है। 29 मंजिला सियान टावर में विस्फोटक लगाने का काम पूरा हो चुका है। एपेक्स टावर में विस्फोटक लगाने का काम चल रहा है जिसे भी 24 अगस्त तक पूरा करने का दावा है। इसके बाद 25 अगस्त को फुल ड्रेस रिहर्सल होगी और 28 अगस्त की दोपहर 2:30 बजे ये टावर एक विस्फोट के साथ नौ सेकेंड में गिर जाएंगे। इस काम में 3500 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारी पूरी हैं। विदेश से विशेषज्ञों की टीम आ चुकी है। पुलिस का ड्यूटी चार्ट और ट्रैफिक के लिए रूट डायवर्जन चार्ट भी बन चुका है। इन टावर को ध्वस्त कराने के लिए एओए ने 10 साल तक संघर्ष किया, जो अब अंजाम तक पहुंच गया है। वर्ष 2009 में जब दोनों विवादित टावर का निर्माण शुरू हुआ तो सोसाइटी में रह रहे लोगों ने पहले बिल्डर और फिर प्राधिकरण के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई। प्राधिकरण से नए नक्शे पास करने के बारे में जानकारी मांगी गई तो अधिकारियों ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। प्राधिकरण में सुनवाई न होने पर एओए के अध्यक्ष उदभान सिंह तेवतिया और अन्य लोग वर्ष 2012 में इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। लगभग डेढ़ साल तक सुनवाई के बाद 11 अप्रैल 2014 में हाईकोर्ट ने विवादित टावर ध्वस्त करने का आदेश दिया। बिल्डर ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर और प्राधिकरण गठजोड़ पर टिप्पणी करते हुए 31 अगस्त 2021 को खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया। इस के आदेश के मुताबिक तीन महीने के अंदर ये दोनों टावर गिराए जाने थे। लेकिन, इसका टाइम खिसकता रहा और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब एक साल बाद ये टावर गिराए जाएंगे। इस मामले में संघर्ष करने वाले आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया का कहना है कि अगर नोएडा प्राधिकरण अपने स्तर पर ही शिकायतें सुनकर कार्रवाई कर देता है तो आज यह अवैध टावर खड़े न हो पाते। इलाहाबाद हाइकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इंसाफ दिया। अब 10 साल के लंबे संघर्ष के बाद ये टावर ध्वस्त होने जा रहे हैं। यह पूरी सोसाइटी की जीत है। भ्रष्टाचार का खेल खेलने वाले बिल्डर के लिए यह नजीर भी है।